I am an engineer by profession and an artist at heart. Now I have started my own consultancy firm after retirement. It is only to keep me engaged. Money is not the intention, though it is welcome as it fills my pockets occassionally
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Tuesday, August 26, 2008
जरा सोचिये
आपने कभी किसी व्यक्ति को सेवा निवृत्ति के पहले ही सेवा से निवृत्त होते हुए देखा है?? कोर्पोरेट विश्व में शायद होता हो। पहले कभी इसका अनुभव नही हुआ पर मेरी मौजूदा कंपनी में मुझे इसका हुआ। मैंने पिछली १९ फरवरी को, मेरी ५९ वी साल गिरह पर, हमारे प्रभंधकों को कहा " मैं अगले साल इसी समय निवृत्त होना चाहूँगा। " बस फिर क्या था । खतरे के बिगुल बजे । मंत्रणाएं हुई होंगी शायद । ऐसा मेरा गणित कहता है। आकस्मिक भय के बटन दबाये गए हों शायद । यह भी मेरी कल्पना की उपज है। पर एक बात तो जरूर है। वह दिन है और आज का दिन है, मैं निठल्ला हो गया हूँ। मेरे अधीनस्थ सहयोगी कामों में उलझे हैं। मैं फांके मार रहा हूँ। उन्हें मेरे उचाधिकारी स्वयं बुला कर उन्ही को काम बता रहें हैं। मेरे इर्द गिर्द भागम भाग का माहौल है, पर मैं निश्चिंत बैठा हूँ , इसे कहते हैं सेवा निवृत्ति से पहले की निवृत्ति।
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