I am an engineer by profession and an artist at heart. Now I have started my own consultancy firm after retirement. It is only to keep me engaged. Money is not the intention, though it is welcome as it fills my pockets occassionally
Born Free
Followers
Wednesday, July 23, 2008
Just Think About It
Just Think Of It
Tuesday, July 22, 2008
From My Dairy
- allow only 2 or 3 party system.
- In case of a hung parliament ruling the government should be formed from the two largest parties. Leader of the largest party should be nominated the PM. In such a case, the leader of the second party would be the Dy. PM. The number of ministers of cabinet rank and state rank should be in proportion to the number of MPs of each party.
- The number of minsters and state ministers should be fixed to say 10 % of total number of MPs. in the parliament.
- The recognised parties should not be allowed to field any candidates who do not have a clean record. The election commssion should be empowered to disquailfy any nomination on such or similar grounds.
- No Elected member should be allowed to switch over a party during the tenure.
- Defeat of a bill should only affect the concerned bill. The government should not be pulled down. Unless it is a defeat of No trust Motion against the government. I do not know if such a distinction is possible to be incorporated in the consitution. Legal Experts should come out with possible solution on similar lines. Effectively the goverment tenure should not be changed as per whims and fancies of the politians. It should be 5 years or 6 years and that is it. Period.
- Maximum of 3 days should be given to the government for proving the majority, in such cases. And even if the government fails to proove its' majority, no fresh election should be allowed. In such cases the President's rule should be enforced. The president should then constitute a counsil of ministers to advise him for day to day functioning. They should be from all the 2 or 3 parties.
- Each party should submitt a list of their 200 candidates or so, before each election. The List should have names in descending order of preference. The elections should be fought on idelogies and their programmes for the tenure. Then based on the numer of seats won by the party, the first that many members should go to the parliament. The remaining can be considered for rajya sabha nominations. In fact this was a suggestion once given by Arun Shorie.
- A commssion ( autonomus body ) like the Election Commssion should be fromed . It should comprise of 3 memebers each from Science & Technology, Industry, Armed Forces, Judiciary & Leagal , senior Citizens etc., to address to bills , having far reaching impact on the country's sovernity, defence, religion, etc. tabled for clearance in the parliament. For example the nuclear deal, Reservations in politics, education, purcahse of equipment for teh armed forces etc etc. The scope and powers of the commssion could be defined . It could be reviewed and revised every 5 to 6 years. The members should be nominated like Rajya Sabha Members for a tenure of 5 to 6 years on rotation basis.
These are few of the sugesstions. Viewers to the blog are requested to cast theirs too in their comments.
But the million dollar question is how to bring about these sweeping changes in the constitution. Who has the will power ? Who has the vision to save our country from the present rotten state ?
Monday, July 21, 2008
From My Diary
Saturday, July 19, 2008
यह कैसा गणतंत्र है हमारा ??
एक स्वप्न
जरा सोचिये
Wednesday, July 9, 2008
नो क्लिएर डील या न्यू क्लिएर डील
Monday, July 7, 2008
जरा सोचिये
एक ट्रक के पीछे लिखा था " तू भी परेशान , मैं भी परेशान , फिर भी मेरा देश महान "
यह सच है फिर भी हम डेनमार्क से सतुष्टता मापदंड पर " सेटिस्फेक्शन इंडेक्स " कम क्यों आंके जाते हैं ।
जरा सोचिये
तेल के दाम बढे,
मुद्रा उचांक ( इन्फ्लेशन ) दिन ब दिन नई ऊचाईयां छूता है ,
खाने पीने की वस्तुएं महँगी हो रही हैं ,
कारें महँगी हो गई हैं , कपडे महंगे हो गए हैं,
स्कूलों की फीस बढ़ गई है , अनुदान बढ़ गए हैं
पर तनख्वाह उस अनुपात में बढती नही है ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
शेयर मार्केट रोज़ नई निचायिओं को छू रहा है ,
कहते हैं फॉरेन इनवेस्टमेंट बढ़ रहा है ,
शहरों में सडकों की हालत खस्ता है ,
हर बारीश में बाढ़ आती है, बम्बई जैसे शहर नौका विहार के स्क्षेत्र बनते हैं,
फिर भी हर वर्ष सूखे की स्थिति पैदा होती है ,
सरकार सिर्फ़ वादे करती है , कुछ होता नही है
चुनाव के पहले राजनैतिक रोटी , कपडा और मकान के वादे करते थक्त्ते नही है
और चुनाव के बाद सुब कुछ भूल कर अपनी दुकान चलाते हैं
सत्ता पक्ष और विपक्ष , दिन में एक दुसरे के बाल नोचते हैं ,
और शाम को साथ बैठ कर दारू पीते हैं , और जनता की बेव्खूफी पर हसते हैं ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, शीस्त्ताचार कम हो रहा है ,
सहिष्णुता का नामोनिशान नही है
हम एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं ,
हम अपने पड़ोसी को तक नही जानते , दोस्ती क्या होती है नही पहचानते
हम जाती पाती से कट गए है , धर्मं ने दीवारें पैदा कर दी है ,
यह सब राजनीतिज्ञों का खेला है , हम लोगों कों बीच में डाला है ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
Thursday, July 3, 2008
डॉक्टर'स डे
एक तारखेला डॉक्टर'स दिवस होता ?? अस्चर्यच आहे म्हणायला पाहिजे । कारण कुठला दिवस त्यांचा किंवा त्यांच्या साठी नसतो ?? आणि तो पण आपल्या विजू ताई सारख्या डॉक्टर'स चा । हे सगळे माला प्रश्नच आहेत। कारण विजू ताई सारखी सेवा निष्ट आणि सेवा तत्पर आणि भाव निष्ट डॉक्टर शोधून सुद्धा मिळणार नाही । शी ईज सिम्पली ग्रेट एज अ डॉक्टर आणि एज अ पर्सन। ह्याची पावती आमचे अन्धेरीकर ( नीला आणि उषा ताई )पण देतील । नितिन नि खरेच म्हंटले आहे की ती नेहमीच मदती ला सर्वां ( जवलच्या आणि लाम्बच्या ) साठी तेवढ्याच तत्परतेने तयार असायची आणि अजून ही असते । हे कही सगळ्या डॉक्टर'स ना जमते अस नाहीये। आता जरी ती आपल्या पासून लांब रहायला गेली असली तरी , थंक्स टू इन्फोटेक रेवोलुशन ठाट अबाउट बाय राजीव गाँधी आणि ब्रोट अबाउट बाय पीपल लाइक सम पितोर्दा , ती आपल्या सग्लायाँ करता खरच एका कॉल द्दिस्तांस वरच असते ।
मला अजून ही ते दिवस आठवतायत । मी इराक हून आल्या वर मला पूर्ण अंगा वर रशेस आले होते । कसा बसा मी रात्र काढली । सकाळी मी तिच्या हॉस्पिटल कड़े धावलो । तिनी मला ह्या अवस्थेत पण ओलखले। नेहमी सारखी तिने हसत विचारले " काय ज्झाले "। तिनी शांत पने सगल आयकून मला एक लेक्टिक बेस लेप दिला आणि एलर्जी च्या गोल्या दिल्या । मी परत एका आथावाद्यात्च परत हसरा जालो। हे असे सिंपल आणि साधे इलाज तिच्या सारख्या डॉक्टर'स ना जमू शकत ।
अजून पण आमच्या नीला आणि ऊषा ताई ना काही खुट पण जाले तर विजू कड़े फ़ोन जातोच।
अश्या डॉक्टर'स सात्त्ठी वार्स्शात एकच दिवस हा आन्याय आहे । सो विजू ताई थिस डे इज नोट फॉर यू दिएर ।
यू आर टू बी रिमेम्बर्ड एवेरी डे ।