तेल के दाम बढे,
मुद्रा उचांक ( इन्फ्लेशन ) दिन ब दिन नई ऊचाईयां छूता है ,
खाने पीने की वस्तुएं महँगी हो रही हैं ,
कारें महँगी हो गई हैं , कपडे महंगे हो गए हैं,
स्कूलों की फीस बढ़ गई है , अनुदान बढ़ गए हैं
पर तनख्वाह उस अनुपात में बढती नही है ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
शेयर मार्केट रोज़ नई निचायिओं को छू रहा है ,
कहते हैं फॉरेन इनवेस्टमेंट बढ़ रहा है ,
शहरों में सडकों की हालत खस्ता है ,
हर बारीश में बाढ़ आती है, बम्बई जैसे शहर नौका विहार के स्क्षेत्र बनते हैं,
फिर भी हर वर्ष सूखे की स्थिति पैदा होती है ,
सरकार सिर्फ़ वादे करती है , कुछ होता नही है
चुनाव के पहले राजनैतिक रोटी , कपडा और मकान के वादे करते थक्त्ते नही है
और चुनाव के बाद सुब कुछ भूल कर अपनी दुकान चलाते हैं
सत्ता पक्ष और विपक्ष , दिन में एक दुसरे के बाल नोचते हैं ,
और शाम को साथ बैठ कर दारू पीते हैं , और जनता की बेव्खूफी पर हसते हैं ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, शीस्त्ताचार कम हो रहा है ,
सहिष्णुता का नामोनिशान नही है
हम एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं ,
हम अपने पड़ोसी को तक नही जानते , दोस्ती क्या होती है नही पहचानते
हम जाती पाती से कट गए है , धर्मं ने दीवारें पैदा कर दी है ,
यह सब राजनीतिज्ञों का खेला है , हम लोगों कों बीच में डाला है ,
फिर भी सभी कहते हैं " इंडिया इज शायनिंग "
1 comment:
क्षणाचाही विलंब न लावता सुरळीत होणाऱ्या कालचक्राला सलाम.
खरतर असं असूनही ईण्डीया इज शायनिंग म्हणणाऱ्या सर्वांना सलाम
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